-समूचे विश्व को ज्योतिष शास्त्र आवश्यक है - जिस प्रकार दीपक अंधकार का भक्षण करता है एवं प्रकाश उत्पन्न करके संपूर्ण विषय वस्तु को दृष्टि में ला देता है ।उसी प्रकार ज्योतिष की ज्योति से काल रूपी अंधकार में प्रकाश उत्पन्न करके संपूर्ण विषय वस्तु को जाना जा सकता है। और उससे अनेकानेक लाभ प्राप्त किया जा सकते हैं। जिस प्रकार घड़ी की सुइयां एक मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति को भी समय का ज्ञान करा देती हैं ठीक उसी प्रकार ब्रह्म मंडल में स्थित ग्रह भी संपूर्ण मानव जाति को समय का सही ज्ञान कर कर सही दिशा प्रदान कराने में सहायक होते हैं। प्राचीन काल में मनुष्य काल बेला का विशेष ध्यान रखता था। एवं मुहूर्त आदि पर विशेष श्रद्धा रखता था। मानव के जन्म से लेकर विद्या अध्ययन , यज्ञोपवीत संस्कार , विवाह संस्कार , एवं मृत्यु पर्यंत , तक सभी कार्य में मुहूर्त साधना पर बल दिया जाता था। इस संसार में कर्म ही प्रधान है लेकिन सही मुहूर्त में किया गया कर्म मनुष्य को उसकी मंजिल तक पहुंचने में सहायक होता है अथवा गलत समय में किया गया कर्म निरर्थक हो जाता है। इस प्रकार ज्योतिष में मुहूर्त का ही विशिष्ट स्थान है। जैसा की रामचरितमानस मे कहां गया है । समय चूक पुनि का पछताने । का वर्षा जब कृषि सुखाने ।। श्रीमती पूजा अग्निहोत्री दुबे।।
Doughter of shrimati POOJA Agnihotri DUBkEY(श्रीमती पूजा अग्निहोत्रीदुबे)--------------।तेरा तुझको अर्पण किया लागे मेरा। - नारी है जग का आधार। मां बन कर ममत्व का अर्पण कर देती अनंत दुलार। नारी है जग का आधार।। धन्य है नारी का जन्म एवं धन्य है कन्यादान की प्रथा। मनुस्मृति के अध्याय 3 में कहा गया है ।यत्र नार्यस्तु पूजंते रमंते तत्र देवता। अर्थात जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। नारी स्वयं शक्ति है एवं ब्रह्मांडकीय व्यवस्था अंतर्गत महालक्ष्मी महा सरस्वती महागौरी अपने तीनों रूपों में अवस्थित हैं शक्ति के बिना तो शिव भी शव ही है प्राचीन कहावत में बोला जाता था कन्या पराया धन होती है। निश्चित ही इसके कुछ गूढ़ार्थ होते थे। एक कन्या का पालन पोषण करके उसे अन्य को समर्पित कर देना अत्यंत कठिन कार्य है अतएव जिस घर में कन्या का जन्म हुआ है वे निश्चित ही परम भाग्यशाली हैं और दर्शन की दृष्टि से भी लें तो इस पृथ्वी पर जिसका भी जन्म हुआ है उसको अपनी अंतिम यात्रा पर अकेले ही निकालना पड़ता है और वह भी सब कुछ यहीं पर छोड़कर इसी प्रकार कन्या रूपी रत्का जन्म हमें यह तो निश्चित ही ...
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