तेरा तुझको अर्पण किया लागे मेरा - नारी है जग का आधार। मां बन कर ममत्व का अर्पण कर देती अनंत दुलार। नारी है जग का आधार।। धन्य है नारी का जन्म एवं धन्य है कन्यादान की प्रथा। मनुस्मृति के अध्याय 3 में कहा गया है ।यत्र नार्यस्तु पूजंते रमंते तत्र देवता। अर्थात जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। नारी स्वयं शक्ति है एवं ब्रह्मांडकीय व्यवस्था अंतर्गत महालक्ष्मी महा सरस्वती महागौरी अपने तीनों रूपों में अवस्थित हैं शक्ति के बिना तो शिव भी शव ही है प्राचीन कहावत में बोला जाता था कन्या पराया धन होती है। निश्चित ही इसके कुछ गूढ़ार्थ होते थे। एक कन्या का पालन पोषण करके उसे अन्य को समर्पित कर देना अत्यंत ही कठिन कार्य है अतएव जिस घर में कन्या का जन्म हुआ है वे निश्चित ही परम भाग्यशाली हैं और दर्शन की दृष्टि से भी लें तो इस पृथ्वी पर जिसका भी जन्म हुआ है उसको अपनी अंतिम यात्रा पर अकेले ही निकालना पड़ता है और वह भी सब कुछ यहीं पर छोड़कर इसी प्रकार कन्या रूपी रत्न का जन्म हमें यह तो निश्चित ही सिखाता है जिस घर में कन्या है वह कन्यादान की परंपरा का पालन करते हुए बड़ी ही आसानी से उस घर की समस्त जीवात्माओं को माया से मुक्त कर देती है। एवं आरती में बोली जाने वाली उन पंक्तियों को सत्य सिद्ध करती है कि तेरा तुझको अर्पण क्या लगे मेरा अर्थात कन्या धन की प्राप्ति से समूचा परिवार माया से मुक्त होने के सिद्धांत से आसानी से परिचित हो जाता है। अंतिम यात्रा पर जाने से पहले माया से मुक्त होना नितांत आवश्यक है अतः निश्चित ही भाग्यशाली है वे घर जिन घरों में कन्या रूपी रत्न उपस्थित है।
Doughter of shrimati POOJA Agnihotri DUBkEY(श्रीमती पूजा अग्निहोत्रीदुबे)--------------।तेरा तुझको अर्पण किया लागे मेरा। - नारी है जग का आधार। मां बन कर ममत्व का अर्पण कर देती अनंत दुलार। नारी है जग का आधार।। धन्य है नारी का जन्म एवं धन्य है कन्यादान की प्रथा। मनुस्मृति के अध्याय 3 में कहा गया है ।यत्र नार्यस्तु पूजंते रमंते तत्र देवता। अर्थात जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। नारी स्वयं शक्ति है एवं ब्रह्मांडकीय व्यवस्था अंतर्गत महालक्ष्मी महा सरस्वती महागौरी अपने तीनों रूपों में अवस्थित हैं शक्ति के बिना तो शिव भी शव ही है प्राचीन कहावत में बोला जाता था कन्या पराया धन होती है। निश्चित ही इसके कुछ गूढ़ार्थ होते थे। एक कन्या का पालन पोषण करके उसे अन्य को समर्पित कर देना अत्यंत कठिन कार्य है अतएव जिस घर में कन्या का जन्म हुआ है वे निश्चित ही परम भाग्यशाली हैं और दर्शन की दृष्टि से भी लें तो इस पृथ्वी पर जिसका भी जन्म हुआ है उसको अपनी अंतिम यात्रा पर अकेले ही निकालना पड़ता है और वह भी सब कुछ यहीं पर छोड़कर इसी प्रकार कन्या रूपी रत्का जन्म हमें यह तो निश्चित ही ...
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